( हे कान्ह तारी मुरली ये,
मोही ने गरबो घेलों किधो,
आवे सरमर साधिनी ने रे मा चरमर नी रात नी,
हीरे वोहो होलड़ी का रे वागी । )
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे राधे,
राधे राधे राधे....
कृष्णा नाम लिखा है, मेरे कण कण में,
कृष्णा नाम बसा है, मेरे जीवन में,
मैं ढूंढ रही थी कृष्णा को जग ब्रह्माण्ड में,
मैं ढूंढ रही थी कृष्णा को जग ब्रह्माण्ड में,
मगर कृष्णा मिले मुझको मेरे ही मन में,
मगर कृष्णा मिले मुझको मेरे ही मन में,
जय जय जय जय जय कृष्णा,
राधा रमन नटवर कृष्णा,
जय जय जय जय जय कृष्णा.....
श्याम रंग तेरा रूप है श्याम, रंग रंगरूप,
हरी हरी कृष्णा का, मैं रंग हरा लेलूं,
तू नन्दलाल तो लाल ही रंग तेरा है ना,
हाँ तू नन्दलाल तो लाल ही रंग तेरा है ना,
जो रंग तुझको भाये मैं वो ही चुनर डालूं,
मैं ढूंढ रही थी नटरंग को, इंद्रधनुष के रंग में,
मैं ढूंढ रही थी नटरंग को, इंद्रधनुष के रंग में,
मगर कृष्णा मिले मुझको मेरे ही मनरंग में,
मगर कृष्णा मिले मुझको मेरे ही मनरंग में,
कृष्णा नाम लिखा है मेरे कण कण में,
कृष्णा नाम बसा है मेरे जीवन में,
मैं ढूंढ रही थी कृष्णा को जग ब्रह्माण्ड में,
मैं ढूंढ रही थी कृष्णा को जग ब्रह्माण्ड में,
मगर कृष्णा मिले मुझको मेरे ही मन में,
मगर कृष्णा मिले मुझको मेरे ही मन में,
जय जय जय जय जय कृष्णा,
राधा रमन नटवर कृष्णा,
जय जय जय जय जय कृष्णा.....