आओगे जब तुम अंबे के द्वार,
मिलेगा तुमको मैया का प्यार,
बड़ी रहम वाली है, मेरी मां अंबे,
बड़ी दया वाली है, मेरी मां अंबे.....
श्रद्धा से दर पे जाकर, अंबे मां को तुम शीश झुकाना,
चरणों में लग के मां के, अपने मन की व्यथा तुम सुनाना,
सुन लेगी बात तेरी, ये जो शेरावाली है,
मेरी मां अंबे,
बड़ी दया वाली है मेरी मां अंबे.....
युगो से मां की ज्योते, सदा देती है सबको सहारा,
भक्तों की करे रक्षा, मिले डूबे हुए को किनारा,
भर देगी सुखों से, झोली जिसकी खाली है,
मेरी मां अंबे,
बड़ी दया वाली है मेरी मां अंबे.....
देवों को असुरों ने जब कष्ट दिया बड़ा भारी,
चंडी रूप बनके, मैया हो गई सिंह सवारी,
भगतों की रक्षा को बनी महाकाली है,
मेरी मां अंबे,
बड़ी दया वाली है मेरी मां अंबे.....
सच्चे मन से जिसने शेरोवाली का नाम पुकारा,
भाव से उसको तारा जिसने मां का दिया सहारा,
‘ईश्वर’ को तारों मां, तेरा यह सवाली है,
मेरी मां अंबे,
बड़ी दया वाली है मेरी मां अंबे.....