उड़ जा रे हंसा स्वर्गलोक दुनिया में अपना कोई नहीं,
दुनिया में अपना कोई नहीं इस जग में अपना कोई नहीं.....
दशरथ के बेटे चार हुए,
दशरथ के बेटे चार हुए,
जब प्राण तजे तब कोई नहीं,
उड़ जा रे हंसा स्वर्गलोक दुनिया में अपना कोई नहीं.....
सीता की सखियां हजार हुई,
सीता की सखियां हजार हुई,
जब वन को गई तब कोई नहीं,
उड़ जा रे हंसा स्वर्गलोक दुनिया में अपना कोई नहीं.....
लक्ष्मण के साथी हजार हुए,
लक्ष्मण के साथी हजार हुए,
जब शक्ति लगी तब कोई नहीं,
उड़ जा रे हंसा स्वर्गलोक दुनिया में अपना कोई नहीं.....
रावण के नाती हजार हुए,
रावण के नाती हजार हुए,
पर अंत समय पर कोई नहीं,
उड़ जा रे हंसा स्वर्गलोक दुनिया में अपना कोई नहीं......