बिदाई जस गीत
ऐ वो जगत के,जननी वोजननी वो...माँ...॥
कइसे करव तोर बिदाई ॥
तही बता महामाई..... ऐ वो जगत के
आखि के आघू म देखेव मैं जावत वो ॥
बिदा के बेरा म गुनत रोवत रहिगेव वो ॥
होगे न मोर बर करलाई ॥
तहि बता महामाई..... ऐ वो जगत के
नव दिन भक्ति म,मैं बुड़े रहेव वो
देखते देखत म,तोला खोजत रहिगेव वो
मिलबे गौतम ला अउ कब दाई ॥
तहि बता महामाई....... ऐ वो जगत के