समर चली महाकाली,
समर चली महाकाली,
काला खप्पर हाथ धरे माँ,
मुंडन माला डाली,
समर चली महाकाली,
समर चली महाकाली………
एक हाथ में खडग धरे माँ,
दूजे त्रिशूल है धारी,
तीजे में है चक्र सुदर्शन,
चौथे कटार संभाली,
समर चली महाकाली,
समर चली महाकाली………
आँखों से चिंगारी छोड़े,
मुह से निकले ज्वाला,
थर थर कांपे देखो असुरदल,
ऐसी ले किलकारी,
समर चली महाकाली,
समर चली महाकाली……
पल में कई दानव संहारे,
पल में चट कर डाली,
पल में कई को राख बनाई,
एसी ले हुंकारी,
समर चली महाकाली,
समर चली महाकाली………
कालो की माँ काल बनी रे,
रणचंडी माँ ज्वाला,
दे मुझे आँचल की छाया,
मैया मेहरावाली,
समर चली महाकाली,
समर चली महाकाली...