तर्ज:- तुम्ही मेरे मंदिर
जीवन में अपने किनारे ना होते,
अगर तेरे दर पर आकर हारे ना होते,
तुम भी तो बाबा हमारे ना होते,
अगर तेरे दर पर आकर हारे ना होते.....
मैं हूं तुम्हारा तुम हो हमारे,
अगर जीत जाता शायद आता ना द्वारे,
करुणा के तेरे श्याम इशारे ना होते,
अगर तेरे दर पर आकर हारे ना होते,
जीवन में अपने किनारे ना होते.....
जीत हार हाथ तेरे कर्म है हमारे,
तेरे होते चिंता कैसी ओ मेरे प्यारे,
हम भी तेरी आंखों के तारे ना होते,
अगर तेरे दर पर आकर हारे ना होते,
जीवन में अपने किनारे ना होते.....
दुःख जो न आता बाबा जीवन में मेरे,
दर पे तुम्हारे बाबा लगाता ना फेरे,
रो रोकर तुमको पुकारे ना होते,
अगर तेरे दर पर आकर हारे ना होते,
जीवन में अपने किनारे ना होते.....