पालम वाले दादा आजा घोड़े चढ़के,
सेवा में करूँगा तेरी आगे बढ़के,
पालम वाले दादा आजा घोड़े चढ़के…..
गंगा जल से दादा तनै नहलाऊँगा,
भजनों से मन तेरा बहलाऊँगा,
भजनों से मन तेरा बहलाऊँगा,
तनै में रिझाऊँ, प्रेम पोथी पढ़के,
पालम वाले दादा आजा घोड़े चढ़के…...
तेरा मेरा रिश्ता पुराना है,
मेरा मन तेरा दीवाना है,
मेरा मन तेरा दीवाना है,
सुख पाऊँ थारे पाया में पड़के,
पालम वाले दादा आजा घोड़े चढ़के…....
ज्योत जगाके तेरी पूजा करू,
चरणा में दादा तेरे शीश धरु,
चरणा में दादा तेरे शीश धरु,
चादर उड़ाऊ फूल पत्ती कड़के,
पालम वाले दादा आजा घोड़े चढ़के…....
तेरा ये हरीश गावे रोज भजन,
तेरे भजन में दादा रहवे मगन,
तेरे भजन में दादा रहवे मगन,
भूलन गुणगान करे छ्न्द गढ़के,
पालम वाले दादा आजा घोड़े चढ़के…....