संवारे घनश्याम तुम तो प्रेम का अवतार हो

संवारे घनश्याम तुम तो प्रेम का अवतार हो,
फस रहा हु संकटों में तुम ही केवल धार हो,
संवारे लाडले तुम तो प्रेम का अवतार हो,

चल रही आंधी ब्यानक ववर में नियाँ फसी,
थाम लो पतवार गिरदर तब ही वेडा पार हो,
फस रहा हु संकटों में तुम ही केवल धार हो,
संवारे लाडले तुम तो ............

आप का दर्शन हमें इस शवि से बारम बार हो,
हाथ मुरली मुक्त सिर पर और गले में हार हो,
फस रहा हु संकटों में तुम ही केवल धार हो,
संवारे लाडले तुम तो ............

नंगे पद गज के करुण को दोर्हने वाले प्रभु,
देखना न निफल मेरे आंसुओ की धार हो,
फस रहा हु संकटों में तुम ही केवल धार हो,
संवारे लाडले तुम तो ............


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