किरपा बरसने लगी कन्हियाँ तेरी किरपा बरसने लगी,
भरसो से खाली झोली मेयर खुशियों से भरने लगी,
सुनी ज़िंदगानी थी मुश्किल कहानी थी,
अब तो सवरने लगी कन्हियाँ तेरी किरपा बरसने लगी,
भरसो से खाली झोली मेयर खुशियों से भरने लगी,
नैया मझधार थी टूटी पतवार थी भव से उतरने लगी,
कन्हियाँ तेरी किरपा बरसने लगी,
भरसो से खाली झोली मेयर खुशियों से भरने लगी,
दिल ने जो चाहा है मोहित ने पाया है बिगड़ी सुधरने लगी,
कन्हियाँ तेरी किरपा बरसने लगी,
भरसो से खाली झोली मेयर खुशियों से भरने लगी,