साईं साईं कहना भक्तो

भरो, हाज़री भरो, साईं की हाज़री* ll,
ज़रा, दोनों हाथ उठाओ ll,
साईं के दीवानों को, डर के नहीं रहना ll,
साईं साईं कहना भक्तो, साईं साईं कहना ll

^खड़े दर पे सवाली, सुनो दुखियों के बाली l
तेरी है शान निराली, ना लौटा कोई ख़ाली l
सदा रखी, लाज सब की, किसी से क्या कहना ll,
साईं साईं कहना भक्तो, साईं साईं कहना ll
साईं के दीवानों को, डर के,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

^चाँद पाटिल ने माना, महल शब्दी पहचाना l
श्याम था इनका दीवाना, बाईज़ा ने बेटा माना l
साईं जी के, दर्शन को, सब के तरसे नयना ll,
साईं साईं कहना भक्तो, साईं साईं कहना ll
साईं के दीवानों को, डर के,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

^सभी को गले लगाया, भेद आपस का मिटाया l
संत होया कोई ज्ञानी, सभी ने बात मानी l
हिन्दू मुस्लिम, सिख ईसाई, मिलजुल के रहना ll,
साईं साईं कहना भक्तो, साईं साईं कहना ll
साईं के दीवानों को, डर के,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल
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