तुम हमारे थे ओ साई तुम हमारे हो,
तुम हमारे ही रहना ओ मेरे साई नाथ,
तुम्हे छोड़ कर मेरे स्वामी मेरा न कोई सहारा,
बिना तुम्हारे स्वामी जग में मेरा नहीं है गुजारा,
तुमसे हर फर्याद करेंगे ओ मेरे साई नाथ,
तुम हमारे थे ओ साई तुम हमारे हो,
तुमसे जिसने नात जोड़ा तुम से प्रीत निभाई,
उसको अपनी शरण में लेके बिगड़ी बात बनाई,
तेरे ही पथ पे सदा चले गे ओ मेरे साई नाथ,
तुम हमारे थे ओ साई तुम हमारे हो,
इतनी सी है विनती मेरी सुन लो शिरडी वाले,
अँधियारो से दूर ही रखना ज्ञान के देके उजाले,
सुभो शाम ही नाम जपे गे ओ मेरे साई नाथ,
तुम हमारे थे ओ साई तुम हमारे हो,