ऐ री सखी नैन लड़े खाटूवाले श्याम से,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से,
सांवरे सरकार से खाटूवाले श्याम से,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से.....
एक रात श्याम मेरे सपने में आये,
ऐसा लगा मुझको पास अपने बिठाये,
हंस हंस के बातें कहीं हाय रे इतने प्यार से,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से,
सांवरे सरकार से खाटूवाले श्याम से,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से.....
सोच रही थी मैं कभी खाटू धाम जाएँ,
हाल ए दिल अपना मेरे श्याम को सुनाएँ,
दिल की लगी दिल ही जाने जीते जी या हार के,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से,
सांवरे सरकार से खाटूवाले श्याम से,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से.....
देते मेरे खाटू श्याम हारे को सहारे,
सुनो रघुवीर ज़रा बैठो तो किनारे,
मिलजुल के भजन करें आओ सुध बिसार के,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से,
सांवरे सरकार से खाटूवाले श्याम से,
दिल ये लुटा बैठी मैं सांवरे सरकार से......