तेरे दर पे आ गया हूँ,
आना तो काम था मेरा,
अब मुझको श्याम संभालो,
आगे का काम है तेरा,
अब मुझको श्याम संभालो,
आगे का काम है तेरा....
चरणों में मैं पड़ा हूँ,
चरणों से ना हटाना,
दर के सिवा दयालु,
मेरा नहीं ठिकाना,
जाऊँ कही मैं बाबा,
मेरा दूजा नहीं बसेरा,
अब मुझको श्याम संभालो,
आगे का काम है तेरा....
कितनो से धोखा खाया,
कितनो ने है सताया,
जिसको भी अपना समझा,
उसने मुझे रुलाया,
तुम ही गले लगालो,
ये सारा जगत लुटेरा,
अब मुझको श्याम संभालो,
आगे का काम है तेरा.....
रास्ता मुझे दिखा दो,
करना है क्या बता दो,
सेवा करूँ मैं तेरी,
वो गुण मुझे सीखा दो,
जीवन में मेरे सुख का,
होगा कभी सवेरा,
अब मुझको श्याम संभालो,
आगे का काम है तेरा......
दुनिया में नाम तेरा,
सुनकर के ‘बिन्नू’ आया,
जैसी सुनी थी चर्चा,
वैसा ही मैंने पाया,
अब तो जनम जनम तक,
छोडूं ना तेरा डेरा,
अब मुझको श्याम संभालो,
आगे का काम है तेरा......