क्या क्या किया जनाब,
वहां सब हिसाब है,
अच्छा किया या खराब,
वहां सब हिसाब है.....
एक अदालत यहा एक अदालत वहां,
एक अदालत यहा एक अदालत वहां,
सोच के रखो तू जवाब वहा सब हिसाब है,
अच्छा किया या खराब वहा सब हिसाब है......
गुनाह करता था जब लगा सुनसान है,
देख रहा था आस पास वहां सब हिसाब है.....
अच्छा किया या खराब,
वहा सब हिसाब है,
क्या क्या किया है तू जनाब,
वहा सब हिसाब है.....
जिहवा सुख के लिए,
जीव का वध किया,
जितना चबाये हो कबाब,
वहां सब हिसाब है.....
अच्छा क्या या खराब,
वाहा सब हिसाब है,
क्या क्या किया है तू जनाब,
वहां सब हिसाब है.....
वहां रिश्वत भला,
किसको दोगे फणी,
पेड़ पौधा भी है गावाह,
वहां सब हिसाब है.....