तर्ज : काली काली रात में भी रोशनी सी आई है
मैंयाजी ने आप जैसे भग्तों से मिलाई है
ये ही मेरी जिंदगी की असली कमाई है
1.. मैंयाजी ने आपसे, मिलाया नही होता
कौन मुझे जनता था, क्या वजूद होता
आपके दिलों में थोड़ी सी जगह जो पाई है
ये ही मेरी जिंदगी की असली कमाई है
2.. आप सारे भग्त, मुझसे भी बड़े ज्ञानी हैं
फिर भी मान देते हो, ये बड़ी महरबानी है
आपने जो मुझको ये इज्जत दिलाई है
ये ही मेरी जिंदगी की असली कमाई है
3.. जैसा भी हूं, आपका हूं, आप ही निभावोगे
अम्बरीष कहै गलतियों को, दिल से ना लगाओगे
भग्तों ने प्रेम, मां ने किरपा, लुटाई है
ये ही मेरी जिंदगी की असली कमाई है
Lyrics & Singer : Ambrish Kumar Mumbai