मेरे खाटू वाला बाबा आज मेरे घर आया ,
मेरे घर है आया मैंने सब को आज भुलाया,
खाटू शयाम के चरणों में जाके जो शीश झुकाये,
शीश का दानी उसके शीश को सारे जग में उठाये,
जो भी आया श्री चरणों में उसने सब को छुपाया,
मेरे खाटू वाला बाबा आज मेरे घर आया
हारे का है सहारा बन के सब को पार लगाए,
सच्चे मन से करले सिमरन फिर जो चाहे पाए,
दुनिया की बातो में आकर तूने क्या है पाया,
मेरे खाटू वाला बाबा आज मेरे घर आया
मोरछड़ी का लेले झाड़ा आला भला कट जाए,
श्याम नाम है अमृत जैसा ये जिस पे पढ़ जाए,
इसके नाम का दीपक जिसने अपने मन में जगाया,
मेरे खाटू वाला बाबा आज मेरे घर आया