मोर छड़ी ले आन सावारो नीले के अशवार,
भवर में डोल रहा सरकार....
कैसे ये रिश्ते नाते मतलब का ये संसार,
आस सब से रखता हु सभी है थानेदार,
ताश के वावन पते है ये बदले रंग हज़ार,
भवर में डोल रहा सरकार...
के सबसे बड़ी सरकार तुम्ही हो गीता सार,
चलती है नाव पुराणी श्याम है केवंहार,
हार के जो भी आया है मेरा श्याम बना पतवार,
भवर में डोल रहा सरकार...
ढोर संग पतंग उडी है उडी है पंख लगाये,
फूलो से श्याम सजे है नैनो से पेच लड़ाए,
कट के श्याम मैं डोरी से थारे अंगना आये पधार,
भवर में डोल रहा सरकार,......
सजन की नैना तरसे बागे है मृग की भांति,
नैना है तुम से लागे मीरा वन वन है गाती,
श्याम चरण अब पी ले अमृत,
पंकज होगा उधार,
भवर में डोल रहा सरकार,