सारे जग में सब से सोहना ना कोई इसके जैसा होना,
न कोई इसके जैसा होना ऐसा के ऐसा रूप दीवाने का,
हर कोई आशिक़ होया फिरदा श्याम दीवाने का,
जनता दूर दूर से आवे तेरे दर पे नाचे गावे,
मन में दर नहीं रखते थोड़ी भी जग की बदनामी का,
हर कोई आशिक़ होया फिरदा श्याम दीवाने का,
सच्चा प्यार तुम ही से करना अब तो नहीं किसी से डरना,
अब तो बन जा मेरा मीत श्याम मेरी इस ज़िंदगानी का,
हर कोई आशिक़ होया फिरदा श्याम दीवाने का,
चाहे तू बर्बाद करे अब चाहे तू आबाद करे,
अब तो रहना तेरी शरण में सब कुछ छोड़ ज़माने का ,
हर कोई आशिक़ होया फिरदा श्याम दीवाने का,