जपते जपते कभी कभी वो राम नज़र आते हैं,
राम नज़र आते हैं, घनश्याम नज़र आते हैं,
वो मेरे गुरुदेव नज़र आते हैं......
हो मीरा जोगन बन गई प्रेम में वो खो गई,
प्रेम मोहन से किया और जग से न्यारी हो गई,
कभी मीरा के बनते हैं कभी राधा के बनते हैं,
वो मेरे घनश्याम नज़र आते हैं,
जपते जपते कभी कभी.....
भीलनी रास्ता देख रही थी कब आओगे मेरे राम जी,
खट्टे मीठे बेरों को वो कर इकठे रख रही,
भीलनी घर आ जाते हैं और भोग लगा जाते हैं,
वो मेरे श्री राम नज़र आते हैं,
जपते जपते कभी कभी.....
राधा देखे बाट् यूँ कब आओगे मेरे श्याम जी,
ज़हर का प्याला पिया और श्याम धुन में खो गई,
वो श्याम नज़र हैं वो अमृत करवाते हैं,
वो मेरे गुरुदेव नज़र आते है,
जपते जपते कभी कभी.....