ये शहीदों की जय हिंद बोली,
ऐसी वैसी ये बोली नहीं है,
इनके माथे पे खून का है टीका,
देखो देखो ये रोली नहीं है,
ये शहीदों की जय हिंद बोली.........
सर कटाऊं जवानो को लेकर,
चल पड़ें है हमीरा के आगे,
हम है संतान राणा शिवा की , कायरों की ये टोली नहीं है,
ये शहीदों की जय हिंद बोली.......
संघ पर आँख दिखलाने वाले ,
भस्म हो जाएंगे सारे दुश्मन ,
ये भला है कि अब तक हमने , तीसरी आँख नहीं खोले है,
ये शहीदों की जय हिंद बोली......