बार बार मैं तुम्हें पुकारूं,
सुन लो लखदातार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार,
बार बार मैं तुम्हें पुकारूं,
सुन लो लखदातार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार......
सुना है मैंने नाम,
बड़े तुम दानी हो,
ऐसा सूंदर रूप,
बड़े तुम शानी हो,
तन केसरियां बागो सोहे,
कैसा है सिंगार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगादो पार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार.......
अहलवती के लाल,
माया तेरी न्यारी है,
पुरो मन की आस,
भरोसो भारी है,
अध विच नैया डुब रही है,
पार करो करतार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगादो पार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार......
आलू सिंह जी भक्त,
बड़े तपधारी है,
चरण नवावे शीश,
ये दुनिया सारी है,
केसर तिलक लगावे,
थारे करे अजब श्रृंगार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार.......
बंसी धर कर जोड़,
शीश नवावे है,
तेरी कृपा श्रीश्याम,
यो हर दम चावे है,
चरण कमल को,
लियो आसरो,
तेरा ही आधार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगादो पार,
नैया हमारी श्याम,
आके लगा दो पार......