झांझर कीन्हे छुपाई आज मेरे मोहन दी.....
चांदी दी मैं झांजर लियाई सोने दी पार्ट चढ़ाई,
मुहूर्त देखकर मैं श्याम दे पैरी पाई,
श्याम मेरा नचदा फिरे,, जय हो,
श्याम मेरा खुश हो फिरे,, जय हो,
झांझर कीन्हे.....
रिरडा रिरडा श्याम मेरा जद वेहड़े दे विच आया,
पैरी झांजर ना देख कर दिल मेरा घबराया,
श्याम मेरा रौंदा जावे,, जय हो,
श्याम नू चुप कराओ,, जय हो,
श्याम मेरा चुप न होवे,, जय हो,
झांझर कीन्हे.....
दौड़ी दौड़ी एक सहेली यशोदा दे कोल आई,
झोली विचों कड के झांजर शाम दे पैरी पाई,
झांजर लब लियाईं,, जय हो,
श्याम मेरा नचदा फिरे,, जय हो,
श्याम मेरा खुश हो फिरे,, जय हो....