है वृन्दावन बड़ा प्यारा यहाँ यमुना की लहरें हैं,
यहाँ गोपी ग्वाले संत और भक्ति के पहरे हैं,
किसी के घाव गहरे हैं किसी के भाव गहरे हैं,
बदल कर रुप ब्रह्मा विष्णु शिव शंकर भी ठहरे हैं.....
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन
मेरे मन में लगी है लगन लड़ गये थे जहाँ ये नयन,
रह गया है जहाँ मेरा मन,
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन..............
जय जय वृन्दावन
मेरा मन मेरा तन मेरा धन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन,
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन...
धन वृन्दावन नाम है धन धन वृन्दावन धाम,
धन वृन्दावन रसिक है जो सुमिरे है श्यामा श्याम.....
साँवरी उनकी सूरत जो देखी प्रथम,
हट ना पाई नज़र ये उठे ना कदम,
भूल पाती नहीं हूँ वो छन,
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन.....,...
जाने क्या कर गयीं वो निगाहें तेरी,
लूट कर ले गयीं दिल अदायें तेरी,
तेरी सूरत तेरा भोलापन,
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन..........
जिसको बांकेबिहारी पे विश्वास है,
उसपे रहमत भी उनकी हुई खास है,
वो लगाते हैं अपनी शरन,
वृन्दावन वृन्दावन वृन्दावन............
है अजब नज़ारा वृन्दावन,
प्यारी का प्यारा वृन्दावन,
हर दिल को भाये वृन्दावन,
मन को महकाये वृन्दावन....
हर दिल की दवा है वृन्दावन,
बड़ी प्यारी हवा है वृन्दावन,
मत पूछो क्या है वृन्दावन,
मेरे दिल में बसा है वृन्दावन....
सब शुभ शुभ होता वृन्दावन,
अजी कोई ना रोता वृन्दावन,
मिट जाता है गम वृन्दावन,
फिर क्यूँ ना चले हम वृन्दावन.....
माटी भी चन्दन वृन्दावन,
मन होगा कुन्दन वृन्दावन,
मिट जाये तृष्णा वृन्दावन,
गा राधे कृष्णा वृन्दावन.....
जिसकी आँखों में वृन्दावन,
जिसकी सांसों में वृन्दावन,
उसको भायेगा वृन्दावन,
वो तो जायेगा वृन्दावन.....
बरसाने वारी वृन्दावन में,
श्री बांकेबिहारी वृन्दावन में,
लगे सुबह प्यारी वृन्दावन में,
और शाम भी प्यारी वृन्दावन में....