मेरे ल्यादे केसरी बाना माँ जोगी के संग जाना,
पहर खड़ा कर नाचू गी,एसी रोगन मैं हो गई,
एक जोगन मीरा बाई थी एक जोगन मैं हो गई,
कस्तूरी सहज बिठा दो माँ चाहे विष का प्याला पिलादो माँ,
मुझे जोगी की फटकार लगी उस जोगी से मिलादो माँ,
हसना मुझे सिखा दो माँ कुछ रोगन मैं गई,
एक जोगन मीरा बाई थी.................
बड़े मंदिर माजिद धूम लिए घनी घूम लिए गुरुद्वारा मैं,
इसी बावली को रात्री में वो ही दिखे सारा में,
मंगती बन कर मांगू सु कमली मैं हो गई,
एक जोगन मीरा बाई थी...........................
कल सकी सहेली पूछे गी तो मकर मरजाना बतादियो,
रकत नगर के सनसना में मेरा ठिकाना बाता दियो,
योग संयोग मिला दियो संजोगन मैं हो गई,
एक जोगन मीरा बाई थी.....................