ब्रज की गली गली में शोर

ब्रज की गली गली में शोर

ब्रज की, गली, गली में शोर,
आयो, आयो माखन चोर ॥
आयो, माखन चोर, आयो,
आयो माखन चोर ॥
बृज की, गली, गली में शोर...

नन्द, भवन में, आनंद बरसे ॥
हो आनंद, बरसे ॥
नन्द, यशोदा को, मनवा हरषे ॥
हो मनवा, हरषे ॥
आनंद को, ओर ना छोर, आयो,
आयो माखन चोर ।
बृज की, गली, गली में शोर...

बाज, उठी, मंगल शहनाई ।
हो मंगल, शहनाई ॥
जन्म, लियो है, कुंवर कन्हाई ॥
हो कुंवर, कन्हाई ॥
कूके, कोयल, पपीहा मोर, आयो,
आयो माखन चोर ।
बृज की, गली, गली में शोर...

हिलमिल, सखियाँ, मंगल गावें ।
हो मंगल, गावें ॥
ग्वाल, बाल सब, धूम मचावें ॥
हो धूम, मचावें ॥
सबके, मन में, उठे हिलोर, आयो,
आयो माखन चोर ।
बृज की, गली, गली में शोर...

धन्य, यशोदा, तेरो लाला ।
हो, तेरो लाला ॥
सारे, जग का, है रखवाला ॥
हो, है रखवाला ॥
कहे, ‘चित्र, विचित्र’ कर जोर, आयो,
आयो माखन चोर ।
बृज की, गली, गली में शोर...

अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल

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