हर ग्यारस पे बाबा मुझे खाटू आना है,
खाटू नगरी आकर, तुझे भजन सुनाना....
चाहे तू मरूधर से मेरा टिकेट कटा देना,
या फिर चाहे मुझको Volvo में बिठा देना,
अब आगे तू जाणे मुझे कैसे बुलाना है,
खाटू नगरी आकर, तुझे भजन सुनाना....
पहले मुझे तोरण द्वार पे शीष झुकाना है,
फिर श्याम कुण्ड जाकर डुबकी भी लगाना है,
मुझें श्याम प्रेमियों संग सेल्फ़ी खिंचवाना है,
खाटू नगरी आकर,तुझे भजन सुनाना....
चाहे जितनी लम्बी लाइन में लगा लेना,
पर श्यामधणी अपने भगतों से मिला देना,
लाइन में खड़े होकर मुझे आरती गाना है,
खाटू नगरी आकर, तुझे भजन सुनाना....
राधे की हवेली में मुझे धूम मचाना है,
और कला भवन जाकर ताली भी बजाना है,
हर मण्डल में जाकर हाज़िरी लगाना है,
खाटू नगरी आकर, तुझे भजन सुनाना.....
कलकत्ता वाली में मुझे रूम दिला देना,
फिर चौक कबूतर पे कचौड़ी खिला देना,
मुझे मेरा हर इक पल तेरे साथ बिताना है,
खाटू नगरी आकर, तुझे भजन सुनाना....
स्पेशल देशी घी का चूरमा लाना है,
मेवा मिश्री चंदन का इत्र चढ़ाना है,
तुझको “मोहित” करके तुझे अपना बनाना है,
खाटू नगरी आकर, तुझे भजन सुनाना......