तर्ज-हाजरी लिखवाता हु
पता नहीं कब आएगा तू सांवरे
मेरी लाज बचाएगा तू सांवरे
बैठा हु में अब भी तेरी राह में........
दुःख में ही सब सुमिरन करते,कयाये सोच लिया
हमसे ये ना होगा बाबा,सच सच बोल दिया
देखो दिल में उतर,प्यार की ये परत,ो मेरे ओ मेरे सांवरे
पता नहीं............
लोग कहे जब श्याम दीवाना,दिल ये मुस्काये
अंतर्मन में दर्द हजारो,जखम न भर पाए
करुणा की हे गरज,सुनलो मेरी अरज, ओ मेरे सवेरे
पता नहीं..........
लाज हे गहना इस जीवन का,रखना बाबा ध्यान
जीवन सारा बीत रहा हे,करते हुए गुणगान
में निहारु तुझे,और पुकारू तुझे, ओ मेरे सांवरे
पता नहीं.........
अंश खड़ा हे बिच बजरिया,खुद को समझाए
साथ तेरे बंसीवाला,कयो तू घबराये
ये भरोसा मेरा,वो सहारा तेरा,न डिगे सांवरे
पता नहीं........