आज रत्नो दे वेहड़े आया कौन,
रत्नो नु वाजा मारदा,
रत्नो नु वाजा मारदा,
आया घर घर अलख जगाउन.....
मोडे उत्ते चोली उसदे कन विच मुंद्रा,
हाथ विच चिमटा गल विच सिंगिया,
आया करके सवारी मोर,
रत्नो नु वाजा मारदा,
आज रत्नो.........
कोई कहे पौनाहारी कोई दुधादारी,
इस जोगी ने सारी दुनिया तारी,
सारी संगता चढ़ाया रोट,
रत्नो नु वाजा मारदा,
आज रत्नो.........
मोर ते सवार जोगी किना सोना लगदा,
सोने जहे बाल सोना बड़ा जचदा,
माँ रत्नो दा लगा एहनू मोह,
रत्नो नु वाजा मारदा,
आज रत्नो..........