हिण्डो तो घलादे सतगुरु म्हारा बाग मे जी,
सतगुरु म्हारा, हिण्डे-हिण्डे सुरता नार,
काया तो नगरिये मे सतगुरु म्हारा आमली जी,
सतगुरु म्हारा छायी छायी च्यारुँ मेर,
अगर-चंदन को सतगुरु म्हारा पालणो जी,
सतगुरु म्हारा रेशम डोर घलाय ,
पाँच सखी मिल पाणीड़े न निसरी जी,
सतगुरु मेरा पाँचू ही एक उणियार ,
नाथ गुलाब से सतगुरु म्हारा विनती जी,
सतगुरु मेरा गावै-गावै भानीनाथ,
बोल नाथ जी महाराज की जय
संपादक:-विजय डिडवानिया
सरदारशहर
9511539933