जब जब भी दिल घबराता,
कुछ नज़र कहीं ना आता,
मैं नाम तेरा ही लेकर,
अपना हर वक़्त बीतता,
सांवरे पर मुझे विश्वास है,
जग की ना आस है.....
जब जब भी संकट आया, जब जब भी विपदा आई,
वो लीले चढ़कर आया, और मोरछड़ी लहराई,
थी धुप गमो की सर पर, हाथों से कर दी ये छाया,
हारे का साथी बन कर, मेरा पल पल साथ निभाया,
सांवरे पर मुझे विश्वास है,
जग की ना आस है......
जीवन के अंधेरो में भी तेरे नाम की ज्योत जलाई,
जब जब भी गिरा मैं बाबा, आकर के थामी कलाई,
जब फसी भवर में नैया, तू माझी बनकर आया,
जग ने तो फेरी आँखें, पलकों पे तूने बिठाया,
सांवरे पर मुझे विश्वास है,
जग की ना आस है......
जब तेरा साथ नहीं था, कुछ भी मेरे पास नहीं था,
कितनी भी मुसीबत आई, मेरा विश्वास तू ही था,
जबसे तेरी शरण में आया, बिन मांगे सब कुछ पाया,
तेरे भजनो से ही तो, विक्की ने नाम कमाया,
सांवरे पर मुझे विश्वास है,
जग की ना आस है......