खाटू वाला है हम जैसे दीनो का अधार,
आंसू आँखों के पौंछे करता है प्यार,
चलते चलते जब गिर जाता हु बांह पकड़ कर मुझे उठता है,
मेरा हो कर क्यों गबराते है ऐसा कह कर धीर बांधता है,
अपनों से जयदा चिंता करता दुलार,
खाटू वाला है हम जैसे दीनो का अधार,
दुखियो के दुःख करता है ये दूर प्यार लुटाता प्रेमी पे भरपूर,
हार भक्त की इनको न मंजूर इसी लिए है दुनिया में मशहूर,
हारे का साथी बन के नैया का माझी बन के करता उधार,
खाटू वाला है हम जैसे दीनो का अधार
जब से श्याम ने थामा मेरा हाथ कोई न रहता ये रहता है साथ,
जीवन में खुशिया ही खुशियां है बन जाती है बिगड़ी हुई हर बात,
मोहित इस जग की अब न मुझको दरकार,
खाटू वाला है हम जैसे दीनो का अधार