हर फागण में श्याम धणी हम पहुंचे खाटू धाम हो,
हाथों में निशान हो सामने मेरा श्याम हो.......
छोटा सा परिवार है सबको तुमसे प्यार है,
पास हमारे जो कुछ है तेरा ही उपकार है,
जब तक जीवन जपते रहे बाबा तेरा नाम हो,
हाथों में निशान हो सामने मेरा श्याम हो…..
जब जब फागण आता है तेरा बुलावा आता है,
जिस पर किरपा हो तेरी वो ही खाटू जाता है,
ना जाने कितनो पे किया है मुझ पे ये अहसान हो,
हाथों में निशान हो, सामने मेरा श्याम हो…….
प्यार तुम्हारा मिल जाएये ही खज़ाना काफी है,
क्या देखें इस दुनिया को, खाटू वाला काफी है,
‘बनवारी’ क्या कमी रहे, जब बाबा मेहरबान हो,
हाथों में निशान हो, सामने मेरा श्याम हो…..