तुम्हे कोई जग में हरा न सके गा,
शरण साँवरे की तुम आकर तो देखो,
झुके गा तुम्हारे ही आगे ज़माना,
शरण साँवरे की तुम आकर तो देखो
किसी चीज की फिर कमी न रहे गी,
जो आँखों में है वो नमी न रहेगी,
छलक ने दो पलके जरा हल्के हल्के,
यहाँ चार आंसू वहा कर तो देखो,
तुम्हे कोई जग में हरा न सके गा,
शरण साँवरे की तुम आकर तो देखो,
कभी थाम कर इस मंदिर की झाली,
ये ज़िद ठान लो के न जायेगे खाली,
ना आ जाये प्यारा तो कहना ो प्यारा,
सुदामा के जैसे भुला कर तो देखो,
तुम्हे कोई जग में हरा न सके गा,
शरण साँवरे की तुम आकर तो देखो,
न कुछ और मांगे कभी खाटू वाला,
जरा प्रेम और इक गुलाबो की माला,
महकने लगे गी ये जीवन की बगियाँ,
यहाँ इतर थोड़ा चढ़ा कर तो देखो,
तुम्हे कोई जग में हरा न सके गा,
शरण साँवरे की तुम आकर तो देखो,