सुन इकतारे आली, तेरा भूखा मर गया हाली रे,
तने किसा लिया सत्संग, राम यूं नही मिले,
सुन इकतारे आली, तेरा भूखा मरगया हाली रे.....
करम छोड़ के धरम करे से, झूठा मन में भरम तेरे से,
तेरी चित बुद्धि कोई भंग, राम यूं नही मिले,
सुन इकतारे आली, तेरा भूखा मरगया हाली रे......
वो देखे बाट खेत में तेरी, तूं शब्दों के धोखे देरी,
वो हुवा भूख में तंग, राम यूं नही मिले,
सुन इकतारे आली, तेरा भूखा मरगया हाली रे......
लेके नाम काम ते करजा,खून पति का सारा जल जा,
तेरी गेल्यां फिर मलंग,राम यूं नही मिले,
सुन इकतारे आली,तेरा भूखा मरगया हाली रे......
रोज पति तै करे लड़ाई, बनी फिर तूं मीराबाई,
देखी ठीक नही तेरा ढंग, राम यूं नही मिले,
सुन इकतारे आली, तेरा भूखा मरगया हाली रे......
किरशन नाल करम ही पूजा, करम समान धरम नहीं दूजा,
फिर बरसेगा रंग, राम यूं नही मिले,
सुन इकतारे आली, तेरा भूखा मरगया हाली रे.....