कीर्तन में आई माँ भवन छोड़ के,
गोटेदार लहंगा चुनर ओढ़ के,
बोल साचे दरबार की………
भोले जी भी आ गए कैलाश छोड़ के,
गौरा मैया आ गयी जयकारा बोल के,
बोल साचे दरबार की,
कीर्तन में आई माँ भवन छोड़ के,
गोटेदार लहंगा चुनर ओढ़ के…………
विष्णु जी भी आ गयी वैकुण्ठ छोड़ के,
लक्ष्मी मैया आ गयी जयकारा बोल के,
बोल साचे दरबार की,
कीर्तन में आई माँ भवन छोड़ के,
गोटेदार लहंगा चुनर ओढ़ के…………
गणपत जी भी आ गये मंदिर छोड़ के,
रिद्धि सिद्धि आ गयी जयकारा बोल के,
बोल साचे दरबार की,
कीर्तन में आई माँ भवन छोड़ के,
गोटेदार लहंगा चुनर ओढ़ के…………
राम जी भी आ गये अयोध्या छोड़ के,
सीता मैया आ गयी जयकारा बोल के,
बोल साचे दरबार की,
कीर्तन में आई माँ भवन छोड़ के,
गोटेदार लहंगा चुनर ओढ़ के…………
कृष्णा जी भी आ गये गोकुल छोड़ के,
राधा रानी आ गयी जयकारा बोल के,
बोल साचे दरबार की,
कीर्तन में आई माँ भवन छोड़ के,
गोटेदार लहंगा चुनर ओढ़ के…………