महिमा निराली जग में छाई है मइया
बीच भंवर में मोरी अटकी है नईया।
मंगल करनी कल्याण कारी
हाथ में त्रिशूल सोहे शेर की सवारी
खेई दे तू नैया मोरी जग की खेवैया।
बीच भंवर में मोरी अटकी है नैया।
ऊंचा पर्वतवा पर तोहरी कोठारिया
जले ला अखंड दीप आठो पहरिया
पत्थर की मूरत बनके बैठो ना मईया॥
बीच भंवर में मोरी अटकी है नैया॥
सबही कहेला माई मैं हूं गवारा
बीच सभा में आके हमके उबारा
टूटी पतवार मोरी बनजा खेवैया॥
बीच भंवर में मोरी अटकी है नैया॥
सिंगर_मुंशी शर्मा
9011102199