मैं गर्व से कहता हूँ, मेरा श्याम सलौना हैं
इसके ही लिए दिल में, भावों को संजोना है ……..
भावों का भूखा है, कुछ और न भाता है
प्रेमी के आँसू से, वे प्यास बुझाता है
नखरे इसके न्यारे, बड़ा नाज़ुक छौना है……..
जब श्याम हँसाता है, मैं खुल कर हँस पाता
भावों में रुलाता है, रोने का मजा आता
मेरा दिल इस दिलवर के, हाथों का खिलौना है……..
राहें सब बंद हुई, किसी और के आने की
कोई मत कोशिश करो, इस दिल में समाने की
नीलाम हुआ ये दिल, अब चैन से बौना है……..
इसको खुश रखने की, मैं कोशिश करता हूँ
ये रूठ न जाये कहीं, इस बात से डरता हूँ
'बिन्नू' ये ध्यान रहे, इसको नहीं खौना हैं……..