मेरी अम्बे माँ जगदंबे

मेरी अम्बे माँ जगदंबे मेरी फ़रियाद सुन लेना,
तेरे चरणो में मस्तक है मुझे अपना बना लेना………

सुन है पार करती हो तुम पतितों और अनाथों को,
भँवर में है मेरी मैय्या उसे भव पार लगा देना ……….

ये दुनिया पाप की बस्ती बिछा है हाल स्वागत का,
छुड़ा कर जाल से मुझको शरण अपनी लगा लेना….

तू धर के रूप नर चण्डी किया है उधार दुष्टों का,
तुम्हारी ही कृपा है शूल को भी फूल बना देना………

में पापी हूँ अधम मैया मेरे मन में अंधेरा है,
जगा कर ज्ञान की ज्योति मुझे मंदिर दिखा देना,
मेरी अम्बे का जगदंबे.....
download bhajan lyrics (326 downloads)