( श्री राम नाम सर्वत्र है क्या गीता क्या वेद,
श्री राम नाम जपते रहो, रहे न कोई भेद॥ )
भज ले राम राम भज ले,
भज ले राम नाम भज ले,
हर प्रातः राम सुमर,
हर शाम राम भज ले……
तन उजला है मन मैला है, क्या हासिल होगा,
तभी राम का दर्शन है जब शुद्ध ये दिल होगा,
राम नाम ही सर्वोत्तम है यही नाम भज ले,
भज ले राम नाम भज ले, भज ले राम राम भज ले……….
अपना और पराया क्या है निर्गुण है काया,
भेद भाव सब नफ़रत कारण झूठी जग माया,
इसी बुराई से ए बंदे जीवन में डर ले,
भज ले राम नाम भज ले भज ले राम राम भज ले……