श्याम धणी के द्वार पर, हो रही जय जयकार,
सेवक आया द्वार पर, ले अपनी फरियाद।
रींगस से चलके आया, बाबा तेरे खाटू में,
अरदास लेके आया, बाबा तेरे खाटू में....
दुनियाँ से हार करके, आया मैं तेरे दर पे,
तूने गले लगाया, बाबा तेरे खाटू में.....
चर्चे तेरी कृपा के, हमने सुने है बाबा,
रहमत है तू लुटाता, बाबा तेरे खाटू में....
फागण के वो नज़ारे, मस्ती भरे जयकारे,
दीवाने तेरे झूमें, बाबा तेरे खाटू में....
लाखों करोड़ो प्रेमी, आते दरश को तेरे,
संग में विकास आया, बाबा तेरे खाटू में.....