जनम जनम का दास हूँ श्याम मैं तुम्हारा,
ऐ श्याम मैं तुम्हारा,
ना किस्मत का मारा हूँ ना दुनिया से मैं हारा.....
मात पिता कह कर के मैंने तुमसे रिश्ता जोड़ा,
तेरे माल ख़ज़ाने में मेरा भी हिस्सा थोड़ा,
बनके भिखारी क्यों भटकूं मैं दर दर मारा मारा,
जनम जनम का दास हूँ..........
नैया तेरे भक्तों की बिन माझी के चलती है,
पावन ज्योत श्याम की तूफां में भी जलती है,
थाम के हाथ हमारा बाबा तूने सदा उबारा,
जनम जनम का दास हूँ.........
श्याम नाम सुमिरन से चलती साँसे मेरी,
भक्त ऋषि को ना घेरे कभी ग़म की रात अँधेरी,
तेरी कृपा से चमके मेरी किस्मत का सितारा,
जनम जनम का दास हूँ.......