थारी माया नगरी या काई काम की,
राणा जी माेहे लागी लगन घनश्याम की,
मै तो बावरी भई रे हरी नाम की,
राणा जी मोहे लागी लगन घनश्याम की.....
पायो राम रतन धन मोकडो,
अब यह झूठी माया को काई सोचनों,
ना भावे मने चूड़ा राणा ना ही काजल टीकी,
नटवर नागर आगे-आगे, सबरी चीजा फीकी.....
थारी माया नगरी या काई काम की,
राणा जी माेहे लागी लगन घनश्याम की.....
मैं तो लेके एक तारा नाचू जोर की,
मैं तो दरस दीवानी चितचोर की,
राणा ना कर तू बाता अज्ञान की,
राणा जी माेहे लागी लगन घनश्याम की.....
राणा भक्ति में शक्ति बड़ी भारी रेे,
रखा अमृत है नाम गिरधारी रे,
श्याम मीरा का मीरा घनश्याम की,
राणा जी माेहे लागी लगन घनश्याम की......