पलना मैं झूलो सांई बाबा
पलना मैं झूलो पलना मैं झूलो ना,
दो पलकों का धार बछोना आके हां नित बाबा सोना,
नागो रे नगर मत ढोलो ना,
पलना मैं झूलो सांई बाबा.....
निर्मल भाव से बांधू डोरी सवार्थ बिन मोरी आत्मा खोरी,
हिरदये कांठ से पल न जोरी गांठ प्रेम की खोलो ना ,
पलना मैं झूलो सांई बाबा....
भजन तिहरा मेरी लोरी बोली मनोहर शब्द की थोरी,
आजा आओ बाबा बहोरी मोरी नगर मत भूलो ना,
पलना मैं झूलो सांई बाबा