जगत में उनकी मिटी है चिन्ता

जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
उन्ही के जीवन हरे भरे है,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता....

ना तुम को पाया किसी ने बल से,
ना तुम को पाया किसी ने छल से,
पाया है तुमको क्षमा के जल से,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता.......

ना तुम को पाया गरीब बनकर,
ना तुम को पाया अमीर बनकर,
पाया है तुमको शहीद बनकर,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता......

ना तुमको पाया किसी ने तन से,
ना तुमको पाया किसी ने धन से,
पाया है तुमको इक सच्चे मन से,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता......

ना तुमको पाया किसी ने गा कर,
ना तुमको पाया भेंट चढ़ा कर,
पाया है तुमको दिल से रिझाकर,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
जगत में उनकी मिटी है चिन्ता......

जगत में उनकी मिटी है चिन्ता,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
उन्ही के जीवन हरे भरे है,
जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
माँ जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
माँ जो तेरे चरणो मे आ गिरे है,
माँ जो तेरे चरणो मे आ गिरे है......
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