माँ की हर बात निराली है

पास की सुनती है, दूर की सुनती है,
गुमनाम के संग संग मशहूर की सुनती है ।
माँ तो आखिर माँ है माँ के भक्तो,
माँ तो हर मजबूर की सुनती है ॥

माँ की हर बात निराली है,
बात निराली है, के हर करामात निराली है,
महा दाती से सब को मिली सौगात निराली है ॥

वक़्त की चाल बदले, दुःख की जनझाल बदले,
इसके चरणों में झुककर, बड़े कंगाल बदले ।
यहाँ जो आये सवाली, कभी वो जाए न खली,
यह लाती पतझर में भी, हर चमन में हरिआली ।
काली रातो ने लाती प्रभात निराली है ॥

दया जब इसकी होती, तो कंकर बनते मोती,
जिसे यह आप जगादे, ना फिर किस्मत वो सोती ।
गमो से घिरने वाले, बड़े इस माँ ने संभाले,
फसे मझदार में बेड़े, इसी में बाहर निकाले ।
इसकी मीठी ममता की बरसात निराली है ॥

दुःख ताकती है यह, सुख बांटती है जी, हमे पालती है ये दिनरात ही ।
जादू इसका अजीब, देखो हो के करीब, यह तो बदले नसीब दिन रात ही ।
इस की रहमत हर निर्दोष के साथ निराली है ॥
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