अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाएंजा,
मोर मुकुट वाले घुंघराली लट वाले....
मोहन तोरे बिन चैन पड़े ना,
राह तकत मोरे थक गए नैना,
मेरी अंखियों के बीच समायेजा,
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाएजा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले....
बेदर्दी तोहै दर्द ना आवे,
काहे जले पर नोन लगावे,
अपनी प्रीति की रीत निभाएजा
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले,
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाएजा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले....
बांसुरी अध्रन धर मुस्काए,
वे घायल कर मेरा चैन चुराए,
आजा श्याम पिया घर आए जा,
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाएजा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले....
काहे मोहे संग प्रीत लगाई,
निष्ठुर निकला तू हरजाई,
लागा प्रीत का रोग मिटाए जा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले,
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाएजा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले....
कांधे ओढ़े कारी कमरिया,
होठों पर वाके बांस बसुरिया,
अपनी मुरली की तान सुनाई जा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले,
अपना चंदा सा मुखड़ा दिखाएजा,
मोर मुकुट वाले घुंघराले लट वाले....