मनुष जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा,
कभी नहीं रे, कभी नहीं रे, कभी नहीं रे,
तू सत्संग में आया कर, गीत प्रभु के गाया कर
साँझ सवेरे बैठ के बन्दे, गीत प्रभु के गाया कर
नहीं लगता कुछ मोल रे, मिट्टी में ना रोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
तू है बुद बुद पानी का, मत कर जोर जवानी का
समझ संभल के कदम रखो, पता नही जिंदगानी का
सबसे मीठा बोल रे, मिट्टी में ना रोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
मतलब का संसार है, इसका क्या ऐतबार है
संभल संभल के कदम रखो, फुल नही अंगारे है
मन की आँखे खोल रे, मिट्टी में ना रोल रे
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
मनुष जनम अनमोल रे मिट्टी में ना रोल रे,
अब जो मिला है फिर ना मिलेगा
कभी नही कभी नहीं कभी नही रे
स्वर - कन्हैया आगिवाल
9922719110