तुम अन्धेरे में ज्योति, मेरी नैया के मांझी
जीवन सम्भालो हमारा ओ कृपा सिंधु.....
तेरे आशीषों का अन्त न पाया,
आतुर दर्शन तुम्हरे हो कृपा सिंधु,
जीवन सम्भालो हमारा.......
भावों की मेरी हो अन्तरवीणा,
मानस संगीत तुमसे ओ कृपा सिंधु,
जीवन सम्भालो हमारा.......
कस्ती तू ही है मेरा किनारा,
शोभित जीवन तुझसे ओ कृपा सिंधु,
जीवन सम्भालो हमारा.......
हारे विभ्रष्टों के पथदर्शी,
संकट मोचन सगरे श्री कृपा सिंधु,
जीवन सम्भालो हमारा.......
मेरे प्रश्नों का उत्तर तू है,
जीवन आशय सबके औ कृपा सिंधु,
जीवन सम्भालो हमारा.......