सखी ऐसा मचा हुड़दंग,लट्ठमार होली में
रस बरसे बरसे रंग, लट्ठमार होली में
1. ऐसी मची बरसाने होरी
भीग गयो री मेरे दामन चोली
मेरे भीग गयो री अंग अंग,लट्ठमार होली मे
2. धिरकी पायल लगा नो ठुमका
नक नथनी मेरो गिर गया झुमका
मेरे गिर गयो बाजू बंद, लट्ठमार होली में
3. लटक मटक मोहे पकड़ों सांवरीया
खुल गई वेणी उड़ गई चुनरीया
मेरी उतर गई सब भंग, लट्ठमार होली में
4. अब तो ‘मधुप’ हरि रंग रचुंगी
सास नंनद से नाहीं डरुंगी
हरिभजन करुंगी सत्संग, लट्ठगार होली में