साईं बाबा तेरे दर्शन को अखियाँ प्यासी है
तेरे ही चरणों में मेरी मथुरा काशी है
तू सब कुछ जानता है हर भगत ये मानता है,
तेरा दर पे कौन है कैसा साईं पहचान ता है
तेरे चेहरे पे ख़ुशी नही दिखती कभी उदासी है
तेरे ही चरणों में मेरी मथुरा काशी है
शिर्डी में साईं आओ चरनो मे शीश जुकाओ
चरणों में शीश जुका के हर दुःख में भूल जाओ
कन कन में तू ही है वसता घट घट का तू वासी है
तेरे ही चरणों में मेरी मथुरा काशी है